बहुत समय पहले की बात है, अकबर एक महान सम्राट थे जो अपने दरबार में बुद्धिमान और हास्यप्रिय बीरबल को मना करते थे। एक दिन, अकबर ने अपने दरबार में एक चुनौती दी - "कौनसी चीज संसार में सबसे बड़ी है?"
अकबर का सवाल बहुत ही आधुनिक और रोचक था, लोग विभिन्न विचार रखने लगे। लेकिन अकबर को कोई सुतारा जवाब नहीं मिला। अकबर ने फिर विचार किया कि बीरबल को इस सवाल का उत्तर मिलेगा।
अगले दिन, अकबर ने बीरबल से यह सवाल पूछा। बीरबल ने हंसते हुए कहा, "महाराज, संसार में सबसे बड़ी चीज हमारी अपनी आलसीदा कथित इच्छाशक्ति है।"
अकबर हैरान हो गए और पूछा, "आलसीदा कथित इच्छाशक्ति? यह कैसी बड़ी चीज है?"
बीरबल ने विवेचन करते हुए कहा, "महाराज, जब हम अलसीदा होते हैं, तो हम अपनी स्थिति से संतुष्ट रहते हैं और खुद को सबसे बड़ा मानते हैं। हमें अपनी आलसीदा कथित इच्छाशक्ति को संजीवनी मानकर जीने की शक्ति मिलती है, जिससे हम सभी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।"
अकबर ने समझा कि बीरबल ने बहुत ही बुद्धिमानी से सवाल का जवाब दिया है और उन्होंने बीरबल की बुद्धिमत्ता की सराहना की।
कहानी से सीख –
इसके बाद, अकबर ने यह सिखा कि कभी-कभी सबसे बड़ी चीजें हमारे अंदर ही होती हैं, जो हमें सच्चे मायनों में बड़ा बना देती हैं।
जोरू का गुलाम: अकबर-बीरबल की कहानी Akbar Birbal Story Joru ka Gulam

.png)

Post a Comment
0Comments