एक दिन अकबर ने दरबार में एक पुजारी से सुना कि उसने एक बड़े महत्वपूर्ण सवाल का समाधान खोज लिया है - 'मुर्गी पहले आई या अंडा?' अकबर ने यह सुनकर इसे हल करने का निर्णय किया।
अकबर ने दरबार में एक निर्णय जारी किया कि इस सवाल का उत्तर अगर मुर्गी होता है तो दरबार में सभी मुर्गियों को मिट्टी में गोंदा जाएगा और उनका अंडा हर राजा को दिया जाएगा। लेकिन अगर उत्तर अंडा होता है तो तात्काल एक अंडा महाराज को सौंपा जाएगा और उसका धर्मपत्नी को बनाया जाएगा।
बीरबल ने सुना और समझा कि यह सवाल असम्भावित है, लेकिन उन्होंने तत्परता से उसका समाधान करने का निर्णय लिया।
बीरबल ने अपने एक साथी के साथ एक बड़ी मुर्गी को लेकर महाराज के सामने आए और कहा, "इस मुर्गी ने पहले आई है और इसके पास यही सबूत है।" महाराज ने हंसते हुए उन्हें सुना।
बीरबल ने महाराज को बताया कि अंडा मुर्गी के शरीर में बनता है, इसलिए मुर्गी पहले आना चाहिए थी। इस समाधान ने महाराज को बहुत अच्छा लगा और उन्होंने बीरबल को सम्मानित किया।
महाराज ने सभी मुर्गियों को सजगता के साथ मिट्टी में गोंदा जाने की बजाय उन्हें आशीर्वाद दिया और बीरबल को एक उच्च स्थान दिया।
Conclusion: बुद्धिमानी की जीत
कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि बुद्धिमानी से ही सच्ची जीत होती है और जीवन की चुनौतियों का सामना बुद्धि और विवेक से करना चाहिए।
संसार में सबसे बड़ी चीज: अकबर-बीरबल की कहानी - Akbar Birbal Story Biggest Thing
जोरू का गुलाम: अकबर-बीरबल की कहानी Akbar Birbal Story Joru ka Gulam
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