अकबर-बीरबल की कहानी : बीरबल की योग्यता | Birbal Ki Yogyata Story In Hindi

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Birbal Ki Yogyata Story in Hindi


एक समय की बात है, अकबर ने अपने दरबार में एक नया मंत्री चयन करने का निर्णय किया। उन्होंने बीरबल को उस मंत्री का पद देने का निर्णय किया।


एक दिन, अकबर ने बीरबल से पूछा, "बीरबल, तुम्हें इस मंत्री पद के लिए कैसे चयन किया गया? तुम्हारी योग्यता क्या है, जो तुम्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है?"


बीरबल ने मुस्कराते हुए कहा, "जनाब, मेरी योग्यता है बुद्धिमानी और अनुभव की क्षमता।"


अकबर ने इसे परीक्षण करने का निर्णय किया और एक दिन उसने बीरबल से कहा, "बीरबल, मैंने एक खेत में एक सीधी सी रेखा बनवाई है, तुम्हें इस रेखा को बिना किसी साधन का उपयोग किए छूना है।"


बीरबल ने तैयारी करते हुए खेत में गया और वहां पहुंचकर उसने एक छोटे से तार को बांधा और उसकी एक सीधी रेखा बनाई। वह रेखा को छूते हुए वह खेत के एक हिस्से से दूसरे हिस्से जा पहुंचा।


अकबर ने हैरान होकर पूछा, "तुमने तो कोई साधन तक नहीं इस्तेमाल किया, फिर तुमने यह कैसे किया?"


बीरबल मुस्कराए हुए जवाब दिया, "जनाब, बुद्धिमानी से और अनुभव से ही यह संभव है। मैंने अपने अनुभव से जाना कि तार की एक सीधी रेखा बनाने के लिए हमें सीधे रास्ते पर चलना चाहिए।"


इस घड़ी में, अकबर ने बीरबल की बुद्धिमानी और अनुभव को देखकर उसे अपने मंत्री के रूप में स्वीकार किया और उसने बीरबल को अपने दरबार का सबसे महत्वपूर्ण मंत्री बना दिया। इस कहानी से सिख मिलती है कि बुद्धिमानी और अनुभव ही किसी की योग्यता को साबित कर सकते हैं।


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